17 लोगों की मौत पर भी नेता सपनी सियाशी रोटिया सेकने से बाज नही आये।
AA News
बवाना, नई दिल्ली
दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी यह पटाखा फैक्ट्री। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक फैक्ट्री मालिक को लिया हिरासत में दूसरे की तलाश जारी।
दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया की इस पटाखे बनाने की फैक्ट्री में शनिवार शाम करीब 6:20 पर अचानक आग लगी। पटाखों की वजह से आग में तुरंत एक के बाद एक कई ब्लास्ट होते रहे और उस वक्त फैक्ट्री में 18 मजदूर काम कर रहे थे जो छुट्टी के दिन ओवरटाइम के लिए आए थे। आग इतनी भयानक थी कि दमकल की गाड़ियों ने आकर कुछ ही मिनटों में आग पर तो काबू पा लिया लेकिन पटाखों की वजह से और काफी बारूद होने की वजह से अंदर बलास्ट इतने तेज हुए थे कि कुछ मिनट में 17 लोगों की इस दर्दनाक हादसे में जलकर मौत हो गई और एक शख्स ने 2 मंजिल से ऊपर जाकर नीचे छलांग लगा कर खुद को बचाया जिसकी हालत गंभीर है जो महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में भर्ती है।
वीडियो
वीडियो आग हादसे से
सत्रह लोग इतने हैं बुरी तरह झुलस गए हैं जिनकी पहचान भी अच्छी तरह नहीं हो पा रही है । इनके परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है और फैक्टरी पर लापरवाही के आरोप लगा रही हैं कि क्यों नहीं फायर सेफ्टी के इंतजाम किए गए।
दमकल की 30 गाड़ियां मौके पर आग बुझाने के लिए पहुंची और बड़ी संख्या में दमकल विभाग की टीम ने वहां पर तैनात कर दी गई। साथ में सिविल डिफेंस दिल्ली पुलिस डिजास्टर मैनेजमेंट की टीमें भी तैनात थी शुरुआत में दमकल की पहुंची पहली गाड़ी नहीं आग को काबू तो कर लिया, लेकिन उससे पहले बारूद की वजह से इतने तेज ब्लास्ट हुए हैं कि जब आग को ठंडा करके अंदर सर्चिंग की गई तो एक के बाद एक 17 डैड बॉडी पूरी तरह से झुलसी हुई इसके अंदर से निकाली गई जिनकी पहचान और शिनाख्त करना भी मुश्किल होगा। हो सकता है कि इनमें से कुछ के डीएनए टेस्ट के बाद ही परिजनों को सौंपाना पड़े। लाशें लगातार निकल रही थी CATS एंबुलेंस की गाड़ियां इन्हें नजदीक के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में तुरन्त लेकर पहुंची और वहां से इन्हें अम्बेडकर हॉस्पिटल की मोर्चरी ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पुलिस ने यहां लापरवाही के आरोप में 285 व 304 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया है फैक्ट्री के दो मालिक हैं जिनकी पार्टनरशिप में यह काम चल रहा था और 15 दिन पहले ही इस फैक्ट्री में यह काम शुरू किया गया था । बड़े बॉक्सेस में यहां पर बारूद लाकर उसके छोटे पटाखे बनाए जाते थे इन दो मालिकों में से एक को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और दूसरे एक दूसरे की तलाश जारी है।
S.BK Singh स्पेशल CP नॉर्थन रेंज ने बताया कि ये फैक्ट्री 15 दिन पहले चालू हुई थी । दो शिफ्ट चल रही तो 35 लोग एक शिफ्ट में थे । टोटल 70 काम करते थे सत्रह लोगो की मौत हुई है और दो घायल है । और मालिक को डिटेन कर लिया दो मालिक है एक कि तलास जारी है । और 285 , 304 IPC के तहत मुकद्दमा दिया है ।
फायर के अधिकारियों ने बताया कि अंदर उन्हें सर्चिंग के दौरान किसी भी तरह के फायर सेफ्टी के इंतजामात बीच में नहीं मिले और साथ ही अब इन शवों को पोस्टमार्टम के लिए रोहिणी के बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल में भेज दिया है और पुलिस और साथ ही दिल्ली सरकार के कई विभाग मामले की जांच कर रहे हैं।
17 लोगों की मौत पर भी नेता सपनी सियाशी रोटिया सेकने से बाज नही आये।
दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में भीषण आग लगने के बाद 17 लोगों की मौत पर भी नेता सपनी सियाशी रोटिया सेकने से बाज नही आये। घटना के बाद राजनीतिक गलियारे में भी हड़कंप मच गया और एक के बाद एक नेताओं का जमावड़ा पूरी रात बवाना इंडस्ट्रियल एरिया कि इस फैक्टरी पर रहा। यहां पर कभी BJP जिंदाबाद के नारे भी लगे तो कभी आम आदमी पार्टी जिंदाबाद के नारे मतलब लाशों के ऊपर भी राजनीति हावी होती नजर आई। यहां शुरुआत में बीजेपी की मेयर प्रीति अग्रवाल पहुंची तो उसके बाद दिल्ली में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता, केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन , भाजपा सांसद उदित राज और दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे तो यहां कुछ लोगों ने जमकर हंगामा भी किया। मुख्यमंत्री की गाड़ी को रोक लिया गया गाड़ी के आगे कुछ लोग लेट गए और केजरीवाल मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। इन लोगों को शिकायत थी कि हादसा हुए कई घंटे गुजर गए और दिल्ली का मुख्यमंत्री कितने घंटे बाद पहुंचा। 17 लोगों की मौत की घटना सुनकर मुख्यमंत्री महोदय को तुरंत पहुंचना चाहिए था वह क्यों नहीं तुरन्त पहुंचे । इसी की शिकायत करते हुए कुछ स्थानीय लोग और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की गाड़ी के सामने लेट कर नारेबाजी की। काफी मशक्कत के बाद दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री की गाड़ि को भीड़ से निकाला। मुख्यमंत्री ने यहां हादसे में मृतको पांच लाख और घायलों के लिए एक लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की। सबसे पहले यहां उत्तरी दिल्ली नगर निगम की मेयर प्रीति अग्रवाल पहुंची थी जिन्होंने खुद ही माना कि लाइसेंस लाइसेंस डिपार्टमेंट में इस कंपनी की डिपार्टमेंट से इस कंपनी को कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। इस से साफ है कि कंपनी बिना लाइसेंस के ही चल रही थी।
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इसे काफी दुखदाई घटना बताया। घटना पर शोक व्यक्त किया।
इस हादसे के बाद दिल्ली प्रदेश बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि घटना बहुत दुखदाई है वह पीड़ित परिवारों के लिए संवेदना व्यक्त करते हैं । मनोज तिवारी ने कहा कि मृतक परिवारों को को आर्थिक सहायता के रूप में भाजपा पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। मनोज तिवारी ने कहा मैं खुद बात की सिफारिश करूंगा कि यह मुआवजा जल्द से जल्द मिले। साथ में मनोज तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से ही इस तरह के बड़े हादसे होते हैं और जहां भ्रष्टाचार होता है वहां इस तरह के जानलेवा हादसे होते हैं।
इस मौके पर आसपास की कई विधानसभाओं के विधायक निगम पार्षद और बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी इन नेताओं के साथ मौजूद रहे। फिलहाल यहां लाशो पर भी राजनीति नजर आई ।