दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन (दावा) यूनियन के आह्वान पर दिल्ली की 5000 आशा वर्कर्स अपने 20 सूत्री मांगों को लेकर पिछले एक महीने से (28 अगस्त से) लगातार चल रही हड़ताल आज समाप्त हो गई। दिल्ली सरकार ने उनकी कई माँगो को मान लिया है जिनकी घोषणा माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री सतेन्द्र जैन जी आशा वर्कर्स के धरना स्थल पर आकर स्वम् की। *दिल्ली सरकार ने उनके सभी प्रकार के इन्सेंटिव दो गुना कर दिए हैं। इससे उनकी मासिक आमदनी लगभग दो गुना हो जाएगी । साथ ही फोटोकॉपी व यात्रा खर्च तथा वर्ष में दो वर्दी देने की भी घोषणा की है।* इस मौके पर मंत्री जी ने कहा कि आप मेहनत से काम करें ताकि दिल्ली का देश मे नाम हो, सरकार आगे आपके लिए और बेहतर करने की कोशिश करेगी। दिल्ली विधानसभा बयूरो के डायरेक्टर डॉक्टर रत्नेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से यह दिल्ली की आशाओ को दशहरे व दीपावली का उपहार है। धरने को एम. एल. ए . अलका लांबा ने भी अपनी बात रखी।
AA News को यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष सोनू ने बताया कि हम दिल्ली सरकार द्वारा हमारी माँगो को स्वीकार करने का स्वागत करते हैं साथ ही हम उम्मीद करतें हैं कि दिल्ली सरकार अगले साल बजट के समय हमें निश्चित वेतन देने का विचार बनायेगी।
दावा यूनियन की महासचिव शिक्षा राणा ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा हमारी मुख्य माँगो को मानने के बाद आज से हम अपनी एक महीने से जारी हड़ताल व धरने को समाप्त कर रहें हैं। हमारी यूनियन की हमारी आशा बहनों ने इस एक महीने में बहुत कष्ट उठाकर हड़ताल को नतीजे पर पहुँचाया है। उनको पिछले 6 महीने से वेतन / इन्सेंटिव नही मिला वे कर्ज लेकर धरने पर आती थी। आंदोलन में आने के चलते परिवार भी दुखी था। कार्यालय सचिव कविता सिह ने कहा की आशाओ को यह जीत बहुत कठिनाई से मिली है। वे व्रत में धरने पर आती थी। इस दौरान हमारी दो आशा बेहोश हो गई उनको अस्पताल ले जाना पड़ा। चार – पांच आशा के धरने में आते समय रोड पर दुर्घटना हुई उनकी पैर व हाथ की हड्डियां टूट गई।
दावा यूनियन के अध्यक्ष व ए.आई.यू.टी.यू.सी. के राज्य सचिव एम. चौरसिया ने कहा कि यह आशा वर्कर्स के कठिन ,व कष्टदायक संघर्ष की विजय है। हम दिल्ली सरकार व विशेष कर मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हड़ताल के मुद्दे सुलझाने में विषय रुचि ली। हम केंद्र सरकार से अपनी मांगों के लिए 11 नवम्बर को राष्ट्रीय धरने में शामिल होगी।