23 दिसम्बर 2017, जसिया-रोहतक, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा पूर्व प्रधानमन्त्री चौ॰ चरण सिंह जी के 116वें जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुऐ समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यषपाल मलिक ने कहा कि पूर्व प्रधानमन्त्री चौ॰ चरण सिंह ने जीवनप्रर्यान्त अपनी ईमानदारी के साथ दीनबन्धु चौ॰ छोटूराम द्वारा किसानों व मजदूरों के लिये शुरू किये गये संघर्ष को आगे बढ़ाते हुऐ पूर्व उप प्रधानमन्त्री चौ॰ देवीलाल के साथ मिलकर देषभर में किसानों व मजदूरों के लिये जीवनभर संघर्ष करते रहे। उन्होंने बताया कि पिछले साल 29 जनवरी से 20 मार्च 2017 तक चले आन्दोलन के लिये संघर्ष समिति द्वारा 23 दिसम्बर 2016 को पूर्व प्रधानमन्त्री चौ॰ चरण सिंह के जन्म दिवस पर दीनबन्धु चौ॰ छोटूराम की जन्मभूमि साँपला से प्रदेष उपाध्यक्ष श्री महेन्द्र पूनिया के नेतृत्व में “जाट न्याय यात्रा” शुरू कर 29 जनवरी 2017 से आन्दोलन की शुरूआत की थी जिसको हरियाणा सरकार के साथ आन्दोलन के दौरान कई दौर की वार्ता के बाद 19 मार्च 2017 को हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल खट्टर के साथ केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि केन्द्रीय मन्त्री चौ॰ बीरेन्द्र सिंह व श्री पी.पी.चौधरी की उपस्थिति में 6 माँगों पर हरियाणा सरकार के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 6 माँगों पर दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में सार्वजनिक रूप से देष भर के मीडियाकर्मियों के सामने प्रेस कान्फ्रेंस में समझौते को लागू करने का वायदा किया था। आज उपरोक्त वायदे को 10 महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी भी सरकार ने सभी माँगें पूरी नहीं की हैं। इस लिये जाट समाज ने आज फिर यह निर्णय लिया है कि जब तक सभी 6 माँगें पूरी नहीं हो जाती हैं तब तक संघर्ष जारी रहेगा। आज भविष्य में आन्दोलन की तैयारी की घोषणा करते हुऐ उन्होंने कहा कि 13 सितम्बर 2010 से लेकर 22 फरवरी 2017 तक 21 नौजवान भाईयों ने इस आन्दोलन में अपनी शहादत दी और 29 जनवरी से 20 मार्च 2017 तक चले आन्दोलन के दौरान भी धरनों पर बैठे भाईयों व धरनों पर आने जाने के दौरान विभिन्न घटनाक्रमों में 8 भाईयों व बहनों को अपनी कुर्बानी देनी पड़ी। अतः सामूहिक रूप से सभी भाईयों व बहनों के बलिदान के लिये उनकी याद में 18 फरवरी 2018 को “बलिदान दिवस” का आयोजन किया जायेगा। बलिदान दिवस पर ही भविष्य के आन्दोलन की रणनीति घोषित की जायेगी। आन्दोलन को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिये आज निम्न प्रस्ताव पारित किये गयेः
1. देशभर में सभी जाट बाहुल्य जिलों पर 18 फरवरी 2018 को“बलिदान दिवस” पर रैलियों का आयोजन किया जायेगा।
2. 18 फरवरी 2018 को “बलिदान दिवस” पर भविष्य में चलने वाले आन्दोलन की रूप रेखा तय कर आन्दोलन की रणनीति घोषित की जायेगी।
3. सभी माँगें पूरी होने तक आन्दोलन जारी रहेगा।
4. बलिदान दिवस पर सभी 36 बिरादरी के लोगों को आमन्त्रित कर हरियाणा सरकार की हरियाणा में भाईचारा तोड़ने की साजिषों को बेनकाब किया जायेगा।
5. हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग को जाट समाज को हरियाणा में आरक्षण की पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने व हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों के आंकड़ों पर अपना पक्ष 28 दिसम्बर 2017 को रखा जायेगा।
उपरोक्त प्रस्तावों को पास कराते हुऐ राष्ट्रीय महासचिव श्री अषोक बल्हारा ने सभी जिलों से आये आन्दोलनकारियों से कहा कि बलिदान दिवस की तैयारी जल्द से जल्द शुरू कर देनी चाहिये और बलिदान दिवस का आयोजन उन्हीं स्थानों पर किया जाये, जहाँ जून 2016 में या जनवरी 2017 से मार्च 2017 तक धरनों का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि बलिदान दिवस ऐतिहासिक होगा और माँगें पूरी ना होने पर आन्दोलन की रणनीति तय कर देषव्यापी आन्दोलन शुरू किया जायेगा। हरियाणा के प्रदेष अध्यक्ष श्री सूबे सिंह ढाका ने बताया कि जल्द ही सभी जिलों में प्रचार अभियान की शुरूआत की जायेगी।
इस अवसर पर दिल्ली प्रदेष, उत्तर प्रदेष व राजस्थान के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और 18 फरवरी 2018 को बलिदान दिवस को अपने-अपने राज्यों में भी सभी जिलों पर कार्यक्रम आयोजित कर आरक्षण आन्दोलन में हुऐ शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ आन्दोलन की रूप- रेखा भी तय कर हरियाणा की माँगों को पूरा करने के साथ केन्द्रीय आरक्षण के लिये भी देषव्यापी आन्दोलन चलाया जायेगा।