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थोक के भाव मे मंडी में टमाटर एक रूपये किलो हुआ किसानों का अकेले ट्रांसपोर्ट का खर्च ही एक रूपये किलो हो जाता है इसलिए किसान बेहद व्यथित हो रहा है बड़ा घाटा ।
टमाटर के गिरते भाव से किसान काफी व्यथित है । किसानों का गाड़ी का किराया भी नहीं निकल रहा है । दिल्ली की आजादपुर मंडी में थोक के भाव टमाटर एक से दो रुपये किलो बिक रहा है जबकि टमाटर का किराया भी करीब एक रुपए किलो पड़ता है। इसलिए मंडी के आढ़तियों का कहना है कि अधिकतर किसानों ने टमाटर की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिए हैं और कई मंडी में ही नहीं लेकर आते जो लेकर आते हैं उनका किराया भी नहीं निकल रहा है। इस कारण किसान आत्महत्या नहीं करेगा तो क्या करेगा । देश में सब्जियों के निर्धारित मूल्य का भाव न होने से आजकल किसान बेहद परेशान है। जिन किसानों ने टमाटर की फसल लगाई थी वह करजवान हो गए हैं उनकी फसल की लागत ही पूरी नहीं हो रही क्योंकि थोक के भाव में टमाटर एक से दो रुपये किलो बिक रहा है तो किसान टमाटर को मंडी में किस भाव दे रहा होगा एक रूपये से भी सस्ते भाव में किसान टमाटर देने को मजबूर है । यदि ट्रांसपोर्ट की बात की जाए तो 1 किलो टमाटर की एवरेज निकाले तो उस पर करीब एक रूपया ही ट्रांसपोर्ट का खर्च बैठता है और जब वह टमाटर एक रूपये किलो आकर मंडी में दीजिएगा तो किसान क्या करेंगे। टमाटर के गिरते भाव से मंडी के आढ़ती और किसान सभी परेशान है बाहर खुदरा बाजार में टमाटर आठ से दस रूपये किलो बिक रहा है क्योंकि काफी मात्रा में इधर उधर ले जाने में खराब हो जाता है। रिटेलर भी उसमें ज्यादा मुनाफा लेने की कोशिश करता है इस कारण आज रिटेल में टमाटर 10 रूपये किलो बिक रहा है। टमाटर की फसल को किसान होल्ड करके भी नहीं रख सकता इसलिए उसे मजबूरन या तो बेचना होगा या अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर अगली फसल की तरफ रुझान करना होगा। किसान ने इस टमाटर की फसल को तैयार करने में खाद, बीज , बिजली , पानी सभी खर्च किए और मजदूरों को लगाकर उस टमाटर को तोड़ा भी और जब ट्रक में लादकर किसान मंडी में लाते हैं तो टमाटर एक रूपये किलो बिकता है। किसानों की लागत भी पूरी नहीं हो रही इस कारण किसान और किसानों से सीधे टमाटर खरीदने वाले कारोबारी भी बेहद परेशान है।
यह स्थिति ज्यों की त्यों पिछले 15 दिन से बनी हुई है। टमाटर मंडी में एक रुपए किलो और सबसे बढ़िया क्वालिटी का टमाटर दो रुपये किलो के थोक भाव मिल रहा है। अब जो किसान इस टमाटर की मार झेल रहे है वे अगले कई सालों तक टमाटर की सब्जी नही पैदा करेंगे जिससे भविष्य में टमाटर की किल्लत हो सकती है। जरूरत है ऐसे वक्त में सरकारे टमाटर किसानों के खेत के या तो बिजली के बिल माफ करें या कोई दूसरा समाधान मुआवजा आदि देकर निकाले पर सरकारे चुप है किसान रो रहा है ।
अनिल अत्तरी दिल्ली