राजधानी दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड अंतरराष्ट्रीय खेल स्पेसिफिक स्कूल गेम के लिए गई फुटबॉल टीम की 5 लड़कि समुद्र में डूबी चार लड़कियों को बचाया गया 1 कि मौत मैच के बाद समुद्र किनारे घूमने गए थी लडकिया तेज लहरों में फसकर डूबी परिवार में पसरा मातम ।
खिचड़ीपुर के नेगी परिवार में मातम पसरा हुआ है जिस बेटी के अंतरराष्ट्रीय खेल में चुने जाने के बाद पूरा परिवार खुश था और आज वापस आने पर उसका जबरदस्त स्वागत की तैयारी थी उसी परिवार पर आज गमो का पहाड़ टूट पड़ा परिवार को क्या पता था कि उनकी होनहार बेटी जो भारत के साथ परिवार का नाम रोशन करने ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड फुटबॉल टीम में खेलने के लिए गई थी वो अब कभी वापस नही आएगी.
पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूल के 11वी कक्षा में पढ़ने वाली नीतीशा बचपन से ही खेल में अव्वल थी नीतिशा के पिता पुरण सिंह नेगी ने बताया कि बचपन से ही नीतिशा का रुझान खेल के प्रति बहुत था जिसके चलते एथेलेटिक्स गेम खेलने के बाद पिछले चार साल से नीतिशा फुटबॉल खेल रही थी 2 बहन और एक भाई में नीतिशा मंझली थी पिता पुरण ने बताया कि कई बार खेल की किट के लिए उन्हें परेशानी का भी सामना करना पड़ा लेकिन प्राइवेट नॉकरी के बावजूद उन्होंने कभी नीतिशा के खेल में अड़चन नही आने दी ….. बिस्तर पर पड़े सेकड़ो सर्टिफिकेट मैडल ओर ये ट्रॉफियां नीतिशा का खेल के जुनून की दास्तान खुद बयान कर रही है लेकिन ये सर्टिफिकेट अब सर् नीतिशा की याद बनकर रह गए है क्योंकि कड़ी मेहनत कर इन्हें हासिल करने वाली वो होनहार खिलाड़ी अब कभी वापस नही आएगी
बिलखती मां की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यही गुजारिश है कि उनकी बेटी का पार्थिव शरीर ही उन्हें जल्दी दिला दो ताकि कुछ पल वो जी भर कर देख सके पिता पुरण सिंह के मुताबिक नीतिशा 30 नवंबर को एडिलेड गई थी और आज वापस मुम्बई आना था जिसके बाद कल नीतिशा दिल्ली अपने परिवार के पास पहुचती 2 दिन पहले ही उनकी बात नीतिशा से हुई थी जो बोल रही थी कि टूर्नामेंट खत्म हो गए और जल्द घर वापस लौटेगी लेकिन कल उन्हें काल आया कि उनकी बेटी व चार बच्चियां समुद्र किनारे घूमने गए थी जहां नहाने के दौरान लहरों ने उनको अपनी चपेट में ले लिया जिसके बाद चार बच्चियो को रेस्क्यू कर बचा लिया गया लेकिन उनकी बेटी नीतिशा नही मिली और आज सुबह उसकी लाश मिलने की खबर मिली । नीतिशा के पिता का कहना है कि मेरे घर की रौनक तो चली गई फिलहाल उन्हें उनकी बेटी का पार्थिव शरीर जल्द से जल्द मिल जाय ताकि वो उसका अंतिम संस्कार कर सके वही उन्होंने ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ अब तक उनसे किसी ने कोई संपर्क नही किया जबकि उनकी ही जिम्मेदारी थी बच्चियो को शकुशल वापस लाने की ।
नीतिशा के जाने से उसका परिवार ही नही उसकी साथ खेलने वाली लड़कियों का भी रो रोकर बुरा हाल जिनका कहना है कि शुरू से ही नीतिशा होनहार थी वे उसे कभी नही भूलेंगे उसकी मस्ती और उसके साथ खाना खाना उन्हें जीवन भर याद रहेगा।