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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण के साथ नीट-पीजी काउंसलिंग की इजाजत दे दी है। अदालत ने नीट-पीजी एडमिशन में ओबीसी आरक्षण को सही ठहराते हुए कहा कि काउंसलिंग तत्काल शुरू करना जरूरी है। कोर्ट ने मौजूदा सत्र के लिए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में आठ लाख रूपए सालाना आय का पैमाना बरकरार रखते हुए काउसंलिंग की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस में 8 लाख के क्राइटेरिया पर आगे बहस के लिए मार्च की तारीख तय की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर डॉ. कफील खान ने सोशल मीडिया साइट कू पर पोस्ट कर कहा, “बड़ी राहत। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी मेडिकल काउंसलिंग प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की अनुमति दी। उन सभी को बधाई, जिन्होंने नीट-पीजी 2021 में अपनी सीट हासिल की और नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग के लिए विरोध करने वाले डॉक्टरों को भी।”
नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ देशभर में रेसिडेंट डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे थे, अब उनकी हड़ताल खत्म हो जाएगी। जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से दिल्ली, मुंबई समेत कई बड़े शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा। कोविड-19 के नए वेरिएंट के खतरे के बीच, इस हड़ताल का खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ता।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई 2021 को नोटिफिकेशन जारी कर नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और आर्थिक तौर पर कमजोर छात्रों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। काउंसलिंग में देरी के कारण रेसिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने अर्जी दाखिल कर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी।