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DELHI
नई दिल्ली। कोरोना विभीषिका के बीच इंडियन स्टेटिस्टीकल इन्सटीट्यूट कोआपरेटिव ग्रूप हाउसींग सोसाइटी लिमिटेड, प्लाट नं-07, धीरपुर प्रोजेक्ट, फेज-1, में फ्लैट बने होने के बावजूद इसके साठ सदस्य (परिवार सहित ) पिछले करीब दो साल से अन्यत्र रहने को विवश हैं।
बता दें, उपरोक्त सोसाइटी का निर्माण कार्य मार्च-अप्रैल, 2018 में ही पूर्ण होने पर डी. डी.ए द्वारा सदस्यों को आकुपेंसी कम पोजेशन लेटर भी सात जून, 2019 को मिल चुका है और
आर. सी. एस पार्लियामेंट स्ट्रीट द्वारा सदस्यों का वेरीफिकेशन भी वर्ष 2019 के जुलाई महिने में हो चुका है।
बावजूद तकरीबन दो वर्ष तक बार-बार आर. सी. एस आफिस, पार्लियामेंट स्ट्रीट में अनेकों सदस्यों द्वारा वहां जाकर संपर्क साधते रहने के बावजूद फाइल(पता नहीं किस कन्सीडेरेशन के तहत) धूल फांकती रही!
माननीय मुख्यमंत्री दिल्ली के कोरोना महामारी के दौरान ‘होम-कोरेंंटाईन’ रहने के आदेश को पूर्ण करने को उद्धत रहते हुए भी उपरोक्त सोसाइटी के सदस्यगण मजबूरी में ईन्फेक्शन ग्रषित होने की स्थिति में आसानी से शिकार हो सकते हैं।
अंततः भी,आर. सी. एस आफिस निर्देशित आर. ई. आर. ए. रजिस्ट्रेशन करवाने संबंधित निर्देश (दिनांक 05/06/2020) का भी अनुपालन करते हुए आन-लाइन अप्लाई कर दिया गया है।
प्रत्येक सदस्य तकरीबन पचास लाख के आसपास हाउसिंग- लोन के बोझ तले दबा रहते हुए भी और तकरीबन करीब दो वर्ष की के अकारण बिलंब से उपजे अतिरिक्त ब्याज के बोझ को सहते हुए भी आर. सी. एस/डी. डी. ए. /डी. जे. बी. में कार्यरत सरकारी अधिकारियों के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए उनसे इस कोरोना काल में भी अपने प्रति सहानुभूतिपूर्वक और यथाशीघ्र उपरोक्त सोसाइटी में अपने फ्लैट आबंटन की आस रखते हैं।