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New Delhi
Report : Anil Kumar Attri
सीनेटर टोड यंग की तरफ से गुरिंदर सिंह खालसा ने सौंपा सिरसा को पत्र
नई दिल्ली, 28 दिसंबरः सिखी की सेवा के मामले में नया इतिहास कायम हुआ जब अमरीका की सीनेट ने सिख धर्म की सेवा करते हुए भाईचारे के लिए दिन-रात काम करने व जरूरतमंदों की मदद हमेशा तत्पर रहने वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की अत्यंत प्रशंसा की।
अमरीकी सीनेट ने इस सबंध में एक मत भी पास किया है जिसमें यह प्रशंसा की गई है। इसके बारे में अमरीका के सीनेटर टोड यंग का एक पत्र आज प्रवासी भारतीय गुरिंदर सिंह खालसा द्वारा मनजिंदर सिंह सिरसा को सौंपा गया। पत्र में यंग ने लिखा हे कि हम भाईचारे की दृढ़ता से सेवा करने और जरूरतमंदों की मौके पर मदद करने के लिए तत्पर रहने की प्रशंसा करते हैं व आपके द्वारा दुनिया भर में विशेषकर अमरीका के अलग-अलग हिस्सों में सिख भाईचारे की सेवा और निरंतर मदद के लिए तैयार रहने पर आपके आभारी हैं।
दिल्ली कमेटी के कान्फ्रेंस हाॅल में प्रैस कान्फ्रेंस के दौरान यह पत्र सौंपते हुए श्री गुरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि सीनेट ने सिखी के प्रचार व प्रसार के लिए जो भी समागम पूरी दुनिया में किये गये व जिन्होंने इसके लिए प्रयास किये, उनकी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि श्री सिरसा ने पूरी लगन के साथ भाईचारे की सेवा की है। उन्होंने कहा कि ना सिर्फ गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित समागम बल्कि गुरु साहिबान का संदेश पंजाबी के साथ-साथ हिन्दी व अन्य भाषाओं में सोशल मीडिया पर प्रचार व प्रसार करने के किये जा रहे प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि निरंतर प्रयासों के लिए श्री सिरसा बधाई के पात्र हैं।
इस मौके श्री सिरसा ने इस सम्मान के लिए श्री खालसा व अमरीकी सैनेटर टोडयंग का धन्यवाद करते हुए कहा कि गुरु सहिबान की अपार बख्शिश है कि सिख भाईचारे ने पूरी दुनिया में अपना नाम कमाया है व गुरु साहिब के संदेश का प्रचार व प्रसार करने का काम किया है। गुरिंदर सिंह खालसा की बदौलत इंडियाना स्टेट में सिखाी के स्थापना दिवस वैसाखी व गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को सरकारी पर्व वाले दिन ऐलान किया गया है जो सिख भाईचारे के लिए सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास में कोई भी ऐसा पर्व नहीं मनाया गया जितने बड़े स्तर पर गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया गया है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक बड़ा कारण गुरिंदर सिंह खालसा जैसी शख्सीयतें हैं जिन्होंने अपने निजी स्रोतों में से अपने परिवार के लिए बल्कि सिखी के प्रचार व प्रसार के लिए खर्चा किया व गुरु साहिब के संदेश को घर-घर तक पहंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि खालसा ऐसे नागरिक हैं जिन पर सरकार ने दस्तावेज़ी फिल्म बनाई है। इसी से उनकी शख्सीयत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। 2007 में जब खालसा को दस्तार के कारण हवाई जहाज में सवार नहीं हाने दिया गया तो उन्होंने 67000 लोगों को अपने साथ जोड़ा और यह मामला अमरीकी कांग्रेस के पास उठाया। इसके पश्चात ट्रांसपोर्ट एंड सिक्योरिटी एडमिनस्ट्रेशन ने सिख भाईचारे के लिए अपनी नीति में बड़ी तबदीली लायी व दस्तार सहिब सफर की नीति को अनुमति दी।
श्री सिरसा ने इस मौके पर ऐलान किया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी भी गुरिंदर सिंह खालसा पर फिल्म बनायेगी। खालसा के साथ ही अन्य जितनी भी अमरीकी शख्सीयतांे ने सिखी के लिए काम किया , उन पर दस्तावेज़ी फिल्म बनायी जायेगी। उन्होंने बताया कि हमनें कैप्सुल गिल्ल के नाम से मशहूर शख्सीयत पर फिल्म बनाई थी जिन्होंने 30 वर्ष पहले बिहार में कोयले की खानों में से 100 लोग निकाले थे।
इस मौके पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन त्रिलोचन सिंह ने गुरिंदर सिंह खालसा के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गुरिंदर सिंह खालसा शाहबाद मारकंडा के नजदीक हरदोई के रहने वाले हैं जिनके पिता किसान थे व पिता की 2009में मौत होने के बाद उन्होंने निहंग सिंह वाला स्वरूप अपना लिया क्योंकि उनके पिता का भी ऐसा ही स्वरूप था।
इस मौके पर दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह चंडोक, एम.पी. एस चड्डा, कुलदीप सिंह साहनी, जतेन्द्र सिंह शंटी और गुरु तेग बहादुर खालसा कालेज के प्रिंसीपल डा. जसविंदर सिंह भी मौजूद रहे।