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New Delhi
भारत ने रूस से बड़ा समझौता किया है जिसके तहत दस साल के लिए परमाणु क्षमता से संपन्न हमलावर पनडुब्बी पट्टे पर लेने जा रहा है।
पुलवामा में CRPF काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी बीच खबर है कि भारत ने रूस के साथ एक बड़े समझौते में दस साल के लिए परमाणु क्षमता से संपन्न हमलावर पनडुब्बी पट्टे पर लेने का फैसला किया है। भारत को यह पनडुब्बी तीन अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) में लीज पर रूस की ओर से दी जा रही है।
इस समझौते से एक ओर जहां पाकिस्तान डरा हुआ है, वहीं हिंद महासागर में लगातार चीन की बढ़ती ताकत पर भी रोक लगाई जा सकती है।
रूस और भारत के बीच हुए समझौते के मुताबिक अकुला श्रेणी की पनडुब्बी भारतीय नौसेना को साल 2025 में मिलेगी। भारत में इस पनडुब्बी को चक्र तृतीय के नाम से जाना जाएगा। भारत इससे पहले भी दो पनडुब्बी रूस से लीज पर ले चुका है।
इससे पहले भारत ने साल 1988 में परमाणु शक्ति वाली पनडुब्बी आइएनएस चक्र, तीन साल के लिए पट्टे पर रूस से ली थी। दूसरा आइएनएस चक्र पनडुब्बी साल 2012 में दस साल के लिए लिया गया था। बताया जाता है कि दूसरे आइएनएस चक्र की लीज साल 2022 में खत्म होने वाली है। हालांकि भारत सरकार की ओर से इसकी लीज की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
रूस के साथ हुए ताजा समझौते के बारे में रक्षा प्रवक्ता ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है. हिंद महासागर में लगातार चीन की बढ़ती गतिविधि को देखते ही भारत ने समुद्र की ताकत भी बढ़ाने का फैसला किया है। चक्र तीन के लिए भारत और रूस के बीच ये सौदा हुआ है वह एके-203 राइफलों के संयुक्त उत्पादन की इकाई के ठीक बाद हुआ है।