AA News
Jahagirpuri
दिल्ली के जहांगीरपुरी फिर जल बोर्ड की लापरवाही से गई एक मजदूर की जान । सारे नियम कानून को ताक पर रखकर मजदूर को उतारा कई फ़ीट गहरे सीवर में । दम घुटने की वजह से सिवर के अंदर हुई मौत। आज सुबह की घटना। मृतक की पहचान भुवन राय उम्र 29 के रूप में हुई जोकि बिहार के कठियार जिले का रहने वाला ।
29 साल का ये भुवन राय एक ठेकेदार के तहत जल बोर्ड का काम करता था। ठेकेदार की अपनी रजिस्टर्ड कंपनी है जो दिल्ली जल बोर्ड के लिए काम करती है ।
लेबर के काम का टेंडर भी ये कंपनी लेती है। जहांगीरपुरी के जी ब्लॉक में जल बोर्ड के ऑफिस के अंदर गहरे शिविर में एक वाल खोलने के लिए भुवन राय को उतारा गया। भुवन राय अंदर उतरे और वाल खुला उसके बाद भुवन राय को जैसे ही बाहर निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी।
अंदर मौत जहरीली गैस से हुई है या दम घुटने से हुई है यह तो जांच का विषय है लेकिन कहीं ना कहीं कंपनी की बड़ी लापरवाही जरूर है, जो बिना किसी सेफ्टी उपकरणों के इस तरह गहरे शिविरों में उतार देती है । जमीन के अंदर बने हुए गहरे शिविरों में जहरीली गैस होती है जिनसे मजदूरों की मौत हो जाती है ।
यह गरीब मजदूर मूल रूप से बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला है। इनकी एक साल की छोटी बेटी है अब काम करवाने वाले सुपरवाइजर की लापरवाही की वजह से इस परिवार पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा और अब उस बच्ची को बिना पिता के ही जिंदगी गुजारनी पड़ेगी साथ में पत्नी के सिर से भी पति का साया छूट गया।
आसपास काम कर रहे दूसरे मजदूरों का कहना है कि कई लोगों को बाहर खींचने के लिए मजदूरो को लगाया जाता है ताकि वॉल खोलते ही बाहर तुरंत खींच लिया जाए लेकिन यहां मजदूरों की संख्या पर्याप्त नहीं थी।
साथ ही इस तरह से इंसानों का शिविर में उतारना जानलेवा होता है बावजूद उसके क्यों नहीं इसके लिए किसी मशीन की सहायता ली जाती।
फिलहाल सुपरवाइजर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और मजदूर के शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भेज दिया है।
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है लेकिन कहीं न कहीं सवाल दिल्ली जल बोर्ड पर भी खड़े होते हैं किस तरह से लापरवाही करने वाली कंपनियों का टेंडर भी क्यों नहीं तुरंत रद्द किया जाता।