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नसीम अहमद व अनिल कुमार की रिपोर्ट
दिल्ली में बिल्डिंग गिरने के हादसे लगातार हो रहे हैं कल भी दिल्ली में बिल्डिंग गिरने से कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बाद जूझ रहे हैं। इसके बाद दिल्ली नगर निगम पर भी सवाल खड़े हुए क्योंकि क्यों नहीं वह खतरनाक जर्जर मकानों के को खाली करवा पाई। पहले क्यो नही निगम उनकी सुध लेता हादसे के बाद निगम जागता है । दिल्ली नगर निगम ने जर्जर मकानों की लिस्ट जारी की है जिसमें उन्होंने दिखाया है कि कितने मकान दिल्ली में जर्जर और खतरनाक है। एमसीडी के द्वारा खतरनाक घोषित घरों की सूची में सबसे ज्यादा मकान अकेली दिल्ली के एक खेड़ा गांव के हैं । खेड़ा कला गांव में सौ से ज्यादा मकान खस्ताहाल हो चुके हैं । बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी है। घर अपनी जगह छोड़ रहे हैं घरों के फर्श फट गए हैं। छतों में दरारें आ गई है और किसी भी वक्त ये घर गिर सकते हैं।
पिछले 2 साल से इन घरों की यह हालत हो चुकी है। यहां लोगों का कहना है कि सभी सरकारी नुमाइंदे और नेता हादसे के बाद आते हैं और मुआवजा देते हैं। अब इन लोगों के सिर से छत का साया उठने वाला है इसलिए सरकार मरने से पहले यदि वह मुआवजा दे दे तो वे ये घर छोड़ कर दूसरी जगह जा सकते हैं।
यहां इस गांव की ज्योग्राफिकल जांच भी जारी है जो कई सालों से पेंडिंग है क्योंकि इस गांव में लगातार दरारे आती है और बड़े बड़े मकान भी अपनी जगह से खिसक रहे हैं यह सब जमीन के अंदर किसी हलचल से होता है, इसलिए इसकी ज्योग्राफिकल जांच दिल्ली सरकार द्वारा करवाई जा रही है लेकिन उसकी रिपोर्ट कई साल से नहीं आ पा रही है। यहां अब इन लोगों के सिर पर मौत का साया मंडरा रहा है यह जर्जर मकान किसी भी वक्त गिर सकते हैं और लोगों की जान भी जा सकती है। जरूरत है सरकार हादसे से पहले सुन ले इन्हें हर 6 महीने बाद नोटिस थमा दिए जाते हैं कि आप घर खाली करें अब लोगों का कहना है कि वह घर खाली करके कहां जाएंगे उन्हें दूसरा विकल्प दिया जाए या तो उन्हें प्लॉट दिया जाए या घर बनाने के लिए कुछ आर्थिक मदद दी जानी चाहिए। अब वह गरीब लोग हैं कैसे अपना मकान बनाएंगे इसी सिलसिले में तीन खस्ताहाल मकानों में हमारी टीम पहुंची और क्या इन लोगों ने बताया इन से मिलकर बात करते हैं।
Video में गाँव देखिये
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खेड़ा के इस गांव की ही रहने वाली है रोशनी। रोशनी के मकान को भी निगम का नोटिस कई बार आ चुका है और दिल्ली नगर निगम ने जो लिस्ट जारी की है उसमें भी रोशनी के मकान का नाम है, लेकिन रोशनी का कहना है कि यहां हादसे के बाद नेता आएंगे क्यों नहीं वे पहले ही आकर इनकी सुध लेते। क्यों नहीं इन्हें कोई प्लॉट दिए जाते ? क्योंकि 200 घरों का मामला है किसी ने कुछ नहीं किया। मनीष सिसोदिया भी इनके घर आए थे लेकिन घर देखकर यह कहकर चले गए कि यहां कैसे रह रहे हैं। इनका एक मंजिल मकान है और घर में बड़ी-बड़ी दरारें आई हुई है उन्होंने नया मकान बनाया था लेकिन नए मकान में भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई। फर्श भी फट गए दीवारें भी फट गई और छत में भी दरारें आई हुई है। अब दोबारा से इन्होंने रिपेयरिंग करवाई। इस घर की जिन दरारों को बन्द करवाया था फिर से वे दरारे आ गई । मतलब इस घर में खतरा साफ है। रोशनी के इस मकान में सात मेंबर्स रहते हैं और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन इनका कहना है कि इन्हें पहले कोई प्लॉट अलॉट किया जाए। रोशनी का तो यहां तक कहना है कि यदि कोई नेता यहां आगे वोट मांगने भी आया तो उसे भी ये यहां से भगा देंगे ।
Video Roshani House
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*बाईट — रोशनी। टेक्स्ट-मैं एक बार मनीष सिसोदिया को भी जब गांव में आया था लेकर आई घर दिखाया। वो गांव देखने आया था क्या समस्या है देख कर बोला कि इसमें कैसे रह रहे हैं। वह हमें पता है हम कैसे रह रहे हैं कुछ नहीं किया उसने आज तक। किसी का मकान गिर गया दबकर मर गया वहां चले जाएंगे यहां कुछ नहीं किया यहां जो आदमी रह रहे हैं । हम इतने गरीब हैं दिन में मेहनत मजदूरी करने जाते हैं रात को ही खाते हैं हमारे को नोटिस दे गए एमसीडी वाले भी एसडीएम भी। मर जाएंगे खाली नहीं करेंगे घर।*
*बाईट – गंगा रोशनी की बहन। टेक्स्ट- आश्वासन देते हैं करते कुछ नहीं। गरीब आदमी मर रहे हैं कुछ नहीं कर रहे। केजरीवाल रोड पर बैठ बैठ कर दुनिया की सुनता था अब हमारी परेशानी क्यों नहीं सुनता।*
फिलहाल रोशनी के मकान में भी यही हालात है कभी भी हादसा हो सकता है और कई मेंबर्स की जान भी जा सकती है लेकिन फिलहाल यह भी घर खाली नहीं कर रहे हैं क्योंकि इनका कहना है कि जब तक प्लॉट या कोई आर्थिक मदद देने नहीं मिलेगी यह घर खाली कर आखिर कहां जाएंगे।
खेड़ा के ही एक रहने वाले श्याम लाल है और श्याम लाल का घर भी पूरा जर्जर हो गया है। इन को भी नोटिस कई मिल चुके हैं और नगर निगम द्वारा जारी इस लिस्ट में भी इनका नाम है लेकिन इनका कहना है कि गरीब लोग हैं आखिरकार कहां जाएंगे। इनका कहना है कि जब पीछे नोटिस मिला और कहा गया कि खुद मकान नही तोड़ेंगे तो निगम डेमोलेशन का भी चार्ज लेगा। इसलिए इन्होंने खुद मेहनत करके अपना मकान को तोड़ लिया है और नया मकान नहीं बना पा रहे हैं क्योंकि नया मकान बनाएंगे तो उसमें भी ऐसे ही दरारे आ जाएगी। श्यामलाल लंबे वक्त से काफी बीमार है दूसरा कोई घर में कमाने वाला भी नहीं है।
Shyamlal Video
*बाइट — श्याम लाल। टेक्स्ट- बार-बार नोटिस आने के बाद हमें चेतावनी दी थी कि मकान तोड़े। यदि एमसीडी आकर मकान तोड़ेगी तो आपसे मुआवजा भी लेंगे फिर हमने डर कर अपने आप मजदूर लगाकर अपना मकान तोड़ लिया। अब हम कहीं किराए पर रह रहे हैं। दूसरों के मकान में जाते हैं तो वहां भी डर लगता है। दो साल से मकानों में यह समस्या है हमें गवर्नमेंट से कोई उम्मीद नहीं। आई देहात की तरफ ध्यान नहीं है।*
फिलहाल लोगों की समस्या बरकरार है लोग परेशान हैं न कोई सुनने वाला है और कभी भी हम इस गांव में हादसे हो सकते हैं जरूरत है सरकार को से पहले ध्यान दें।
यह मकान है रोहिणी जिले के खेड़ा कला के रहने वाले जय सिंह का। इस मकान में जय सिंह के बेटे प्रीतम और उसका भाई रहते हैं। यहां दो परिवार इस मकान में रह रहे हैं और देखिए दिल्ली नगर निगम ने भी इनको नोटिस भेजा है और दिल्ली नगर निगम की लिस्ट में जहां खेड़ा गांव का जिक्र किया गया है नंबर 3 पर इनका नाम बाकायदा है। इनका कहना है कि इन्हें जगह का इंतजाम करके दिया जाए । जय सिंह के बेटे प्रीतम ने बताया कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं । एलजी साहब से मिल चुके हैं लेकिन इनका समाधान नहीं किया गया। इन्हे न प्लाट दिया जा रहा है ना आर्थिक मदद तो कहां जा कर यह लोग अपना गुजारा करें। इसलिए यह खतरनाक घर में ही रहने को मजबूर है । कभी भी यह घर गिर सकता है।
Jaisingh Famliy Video
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*बाईट प्रीतम जय सिंह के बेटे टेक्स्ट — कई बार लिख चुके हैं मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास भी गए और उपराज्यपाल के पास भी गए मुख्यमंत्री कहते हैं कि एलजी साहब के हाथ में है । गवर्नमेंट तो यह चाहती है कि मकान गिरे और वे फिर वहां दौरा करने जाए। समाधान नहीं चाहती दो। ढाई साल से चक्कर काट रहे हैं सुनते नहीं।*
*बाइट – सुनीता जयसिंह की पुत्रवधू मकान खाली करके जाएंगे कहां। जब तक हमें जमीन नहीं मिलेगी तब तक हम मकान खाली करके जाएंगे कहां ? जगह-जगह हादसे हो रहे हैं क्या सरकार इसका इंतजार कर रही है कि यहां भी कोई हादसा हो या कोई गुजरे तभी यहां आएगी। सरकार नोटिस तो हमें दो ढाई साल से दिए जा रहे हैं। नोटिसो का क्या फायदा कुछ इंतजाम तो नहीं करते। यहां 200 से ढाई सौ मकान है एक मकान तो खाली हो सकता 200 परिवार कहां जाएंगे।*
वी ओ – फिलहाल यहां लोग परेशान है और कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
https://www.youtube.com/watch?v=Wb24t6jdpws&t=14s
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