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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है। वह 93 साल के थे। अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वाजपेयी को सांस लेने में परेशानी, यूरीन व किडनी में संक्रमण होने के कारण 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था। 15 अगस्त को उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया।
अटल जी के निधन के बाद देश के तमाम राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा- ”अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति !’
मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- ”मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।”
इसके आगे मोदी लिखते हैं-
‘लेकिन वो हमें कहकर गए हैं-
“मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?””
भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह ने कहा, ‘विचारधारा के लिए समर्पित एक स्वयंसेवक व संगठन के एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में अटल जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। एक ऐसे विरले राजनेता,प्रखर वक्ता,कवि और अभिजात देशभक्त,भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन न सिर्फ भाजपा बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।’
इसके आगे शाह लिखते हैं- ‘जहां एक तरफ अटल जी ने विपक्ष में जन्मी पार्टी के संस्थापक व सर्वोच्च नेता के तौर पर संसद और देश में एक आदर्श विपक्ष की भूमिका निभाई वहीं प्रधानमंत्री के रूप में देश को एक निर्णायक नेतृत्व भी प्रदान किया। अटल जी ने अपने विचारों और सिद्धांतों से भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है’