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NSP Netaji Subhash Place Delhi
राजस्थान के भिवाड़ी में बीते महीने 6 मई को बहुचर्चित गैंगरेप में एक बड़ा खुलासा हुआ है । दरअसल ये पूरा मामला हनी ट्रैप का निकला जिसमें दस करोड़ की मांग हुई जो बाद में ढ़ाई करोड़ रुपए की माँग पीड़ित महिला ने की । उगाही की पहली किस्त एक करोड़ दस लाख जा चुकी थी आज रकम की पच्चीस लाख रुपए लेते हुए आज महिला अपने दो साथियों के साथ रंगे हाथों पकड़ी गई । पूरे मामले में पाँच लोग आरोपी हैं जो हनी ट्रेप के शिकार है और दिल्ली के कारोबारी हैं और फिलहाल जेल में हैं ।
पूरे मामले में जो पहले आरोपी थे वो अब पीड़ित हैं और जो पीड़ित महिला थी वो अब आरोपी है ।
पहले दोस्ती, फिर बिज़नेस की बात और फिर हनी ट्रैप में फँसा कर दस करोड़ की डिमांड ।
जी हाँ , ये हकीकत है बीते पाँच मई के बहुचर्चित भिवाड़ी गैंग रेप कांड की । पूरे मामले में महिला ने दिल्ली के पाँच कारोबारियों को आरोपी बनाया था जो फिलहाल जेल में बंद हैं ।
एक महीने से लगातार महिला अपने साथियों के साथ आरोपी के परिवार वालों पर पैसे की उगाही के लिए दबाव बना रही थी । सबसे पहले दस करोड़ की डिमांड रखी गई लेकिन ढाई करोड़ में मामला सेटल हुआ और पीड़ित महिला ने ढाई करोड़ में केस वापिस लेने की बात कही । एक करोड़ दस लाख की उगाही महिला पहले ही कर चुकी थी और एक करोड़ दस लाख ले चुकी थी आज तीस लाख की रकम लेने नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के नेताजी सुभाष प्लेस पहुँची थी जहाँ इस हनी ट्रैप वाली महिला के लिए पुलिस ने ट्रैप तैयार कर रखा था ।
पच्चीस लाख की रकम लेते हुए पुलिस ने इस महिला को उसके साथी विकास मित्तल और मोहित गोयल के साथ रंगे हाँथों पकड़ा है
दरअसल आज महिला अपने दो साथियों के साथ जब रकम की उगाही करने पहुँची तो पुलिस ने पहले से ही जाल बिछा रखा था । पूरी वारदात CCTV कैमरे में कैद हुई जिसमे महिला पैसे लेते हुए कैद हुई है ।
जैसे ही इस जालसाज महिला को पुलिस टीम NSP के इस शौपिंग मॉल से बाहर निकली आरोपी कारोबरियों की पत्नियों और परिवार की महिलाओं ने उगाही करने वाली महिला पर हमला।बोल दिया । लगभग आधे घंटे तक नेताजी सुभाष प्लेस में ये हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा है जैसे तैसे पुलिस आरोपी महिला और उसके साथियों को लेकर वहाँ से निकली ।
बहरहाल पुलिस ने सभी CCTV फुटेज , पच्चीस लाख की रकम और कई अन्य रेकॉर्ड्स को सीज़ कर लिया है और महिला से पूछ ताछ जारी है । पूरा मामला हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप रैकेट का हो सकता है जिसमे पहले कारोबारियों को फँसाया जाता है और फिर मोटी रकम वसूली जाती है ।
बहरहाल पूरे मामले में पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन पाँचों कारोबारियों के परिजनों ने पूरी बात बताई है । परिवार वालों ने ये भी आरोप लगाया है की राजस्थान पुलिस के कई आला अधिकारी भी इस एक्सटॉर्शन के मामले में संलिप्त थे । पूरे मामले में कई अहम् खुलासे भी अभी हो सकते हैं ।