इस भीषण गर्मी में चारो तरफ अग्नि जलाकर तपस्या में लगे दिल्ली के एक तपस्वी बाबा।
अलीपुर के पल्ला माजरा में कर रहे है बाबा तपस्या
तपस्वी बाबा अनिल नाथ जी महाराज ।
AA News
पल्ला बख्तावरपुर दिल्ली ।
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https://youtu.be/A9yXUKXi53A
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दिल्ली के अलीपुर इलाके में माजरा मोड़ के पास एक बाबा गर्मी में करते हैं अग्नि के बीच में तपस्या । हर साल अग्नि के बीच में तपस्या करने वाले बाबा अबकी बार 5 अग्नि के धुनों के बीच में नहीं बल्कि चारों तरफ रिंग में अग्नि जलाकर उसके बीच बैठकर करते हैं तपस्या। लगातार 41 दिन तक चलेगी ये बाबा की तपस्या। इसके अलावा सर्दियों में यमुना के बीच खड़े होकर और ठंडे जल की धारा के नीचे बैठकर करते हैं ठंडी जलधारा की तपस्या। इस चिलचिलाती गर्मी में यह बाबा अपने आराध्य को खुश करने के लिए आग के धुनों के बीच में बैठकर तपस्या करते हैं। इनकी मान्यता है कि भगवान के नाम पर ये अपने शरीर को जितना कष्ट देंगे भगवान उतने ही ज्यादा इनसे खुश होंगे।
इस भीषण गर्मी के मौसम में चारों तरफ अग्नि के बीच में बैठे ये बाबा है तब योगी अनिल नाथ जी। बाबा अनिल नाथ जी हर साल इसी तरह अग्नि के बीच में कठोर तपस्या करते हैं । यह जगह है दिल्ली के अलीपुर के पास बख्तावर पुर गांव से कुछ दूरी पर पंच देव मंदिर। इस पंचदेव मंदिर में यह बाबा पूजा करते हैं और यही पर रहते हैं। बाबा अनिल नाथ का मानना है कि वह अपने शरीर को जितना कष्ट देंगे उनके आराध्य उतने ही ज्यादा प्रसन्न होंगे और उनके शरीर को यह कष्ट देने से गांव में किसी भी प्रकार की दुविधा नहीं होगी। इनकी मान्यता है कि गांव को समस्याओं से दूर रखने के लिए इस तरह की तपस्या अनिवार्य है। इसलिए ये हर रोज 4 घंटे अग्नि के बीच में बैठते हैं और इनकी तपस्या 41 दिन तक चलेगी। हर रोज इस अग्नि में एक उपले को बढ़ाया जा रहा है और 41 दिन तक यह अग्नि इससे कई गुना बढ़ जाएगी। एक सप्ताह बाद बाबा को इस अग्नि के रिंग में उतरने के लिए सीढ़ी का प्रयोग करना पड़ेगा । अभी भी बाबा मशक्कत के बाद इस अग्नि के ऊपर से उतरकर अंदर जाकर इस भीषण तपस्या को करते हैं। क्यों करते हैं बाबा यह इतनी कठोर तपस्या इन्हीं से सुनिए।
ये बाबा गर्मी में ही यह कठोर तपस्या नहीं बल्कि सर्दी में भी इसी तरह की कठोर तप साधना करते हैं सर्दी में यह बाबा यमुना में कई घंटे खड़े होकर साधना करते हैं और साथ ही मोटर से जमीन का ठंडा पानी चलाकर उसके नीचे हर रोज सर्दी में सुबह 4 घंटे बैठकर यह ठंडी जलधारा की तपस्या करते हैं। इनकी अपनी मान्यता है कि ये शरीर को जितने कष्ट देंगे आराध्य उतने ही प्रसन्न होंगे । फिलहाल दिल्ली में बाबा की तपस्या जारी है ।
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सबकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं किसी का मत होता है कि भगवान शरीर को कष्ट देने की बात नहीं कहते लेकिन कुछ लोगों की मान्यता है कि भगवान के लिए यदि हम कष्ट उठाएंगे तो भगवान उन से प्रसन्न होंगे । फिलहाल गुरु गोरखनाथ जी को गुरु मानने वाले ये बाबा अपनी तपस्या पर बैठे हैं और मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले बाबा पिछले कई दशकों से यही दिल्ली में रहकर हर साल तक साधना कर रहे हैं।