दिल्ली में डीडीए फ्लैटों नहीं लेना चाह रहे हैं लोग
AA News
नई दिल्ली
दिल्ली में बड़ी संख्या में डीडीए हाउसिंग स्कीम 2017 के फ्लैटस सरेंडर हो रहे हैं अब डीडीए भी बैकफुट पर आ गया है। दरअसल डीडीए ने जो फ्लैट जिस रेट में अलॉट किए हैं यदि प्राइवेट डीलर्स की मानें तो उससे कम रेट में प्राइवेट फ्लैटस और उससे अच्छी लोकेशन पर मिल रहे हैं। DDA लगातार फ्लैटस का साइज कम करता जा रहा है और उसके रेट बढ़ाता जा रहा था। इस कारण आप लोगों ने DDA के फ़ैलेट्स को ही सरेंडर करना अर्थात लौटाना शुरू कर दिया है।
डीडीए की हाउसिंग स्कीम 2017 में दरअसल अब CISF के जवानों को डीडीए के फ्लैटो में आवास मिलेगा। जब तक इनका दोबारा स्कीम नहीं होती तब तक इन में सीआईएसएफ के जवान रहेंगे। डीडीए ने गृह मंत्रालय से पैरामिलिट्री फोर्स के लिए फ्लैटस की जरूरत की डिटेल मांगी है कि पैरामिलिट्री फोर्स के लिए कितने फ्लैट चाहिए, क्योंकि अभी तक 5000 से ज्यादा डीडीए के फ्लैट लोग वापिस लौटा चुके हैं जिन्हें लोगों ने ड्रा में मिलने के बाद वापिस छोड़ दिया है। यहां बता दें कि इस ईस स्कीम के शुरुआत में जब DDA ने यह स्कीम निकाली तो लोगों ने बहुत कम फॉर्म अप्लाई किए थे बाद में कुछ शर्त में छूट की, उसके बावजूद भी कुछ आवंटित फ्लैटों की संख्या से ज्यादा फार्म अपलाई हुए। प्रारम्भ में 2017 स्कीम की अंतिम तिथि में जितने फ्लैट्स थे उनसे भी कम आवेदन आए थे जिस कारण उस तिथि को भी बढाना पड़ा था।
आशंका है इस बार भी फ्लैटस लौटाने वालों की संख्या 50% तक जा सकती है।
यदि आंकड़ों की मानें तो 2014 की स्कीम में 25000 सफल आवंटियों में से 14000 ने अपने फ्लैट वापस लौटा दिए थे। सूत्रों की माने तो 2018 की जो डीडीए की आवासीय योजना का गठन किया गया है उसकी दो बैठकें हो चुकी है और पैरामिलिट्री फोर्स को ये फ़ैलेट्स देने का काम जून में शुरू हो सकता है।
इसकी आशंका AA News ने अगस्त 2017 में ही जता दी थी ये अगस्त 2017 का वीडियो देखिये
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वीडियो 2017
डीडीए के फ्लैट पहले तो काफी दूर दराज के क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं जहां पर बाजार और दूसरी सुविधाओं की कनेक्टिविटी कम है साथ ही निजी फ्लैट्स की तुलना में इनके रेट कम नहीं है तो भला क्यों लोग इन सरकारी फ्लैट के लिए दौड़ेंगे। जरूरत है डीडीए दिल्ली में लोगों के लिए सस्ते फ्लैटस सस्ते आवास उपलब्ध कराएं।