ऊपर वीडियो में सूने पूरा मामला
दिल्ली में करोड़ो के घोटाले की बू
सुरक्षा के नाम पर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा खरीद में 200 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया — इस घोटाले की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल सिंह राणा ने प्रधान मंत्री कार्यालय से की तो दिल्ली पुलिस ने राणा को बेटे की मौत के गम में पागल बता दिया — पीएमओ ने भी दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट को वेरिफाई किये बिना मामला बंद कर दिया — जबकि राणा और उसका बेटा दोनों स्वस्थ है — दिल्ली पुलिस के इस झूठ के खिलाफ राणा ने अब केंद्र सरकार के लोक शिकायत विभाग और प्रशासनिक सुधार को शिकायत की है
नार्थ – वेस्ट दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा में कादीपुर गांव थाना स्वरूप नगर एरिया के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल सिंह राणा को दिल्ली पुलिस ने बेटे के गम में पागल शख्स करार दे दिया — जबकि राणा के बेटा भी जिन्दा है और राणा भी बिलकुल स्वस्थ है –जबकि दिल्ली पुलिस ने प्रधान मंत्री कार्यालय को एक शिकायत के जबाब में कहा था की हरपाल सिंह राणा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है —वह बेटे के गम में पागल हो चुके है — जबकि हरपाल राणा , उनकी पत्नी सीमा , बेटी स्वाति और बेटा अखिल सभी बिलकुल स्वस्थ है — आप सोच रहे होंगे की दिल्ली पुलिस ने प्रधान मंत्री कार्यालय को ऐसा झूठ क्यों बोला –? दिल्ली पुलिस का यह जबाब जितना चौकाने वाला है उसकी वजह भी उतनी ही हैरान करने वाली है —
दरअसल हरपाल सिंह राणा ने आरटीआई के जबाब का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरे की खरीद में हुए बड़े घोटाले की शिकायत की थी — हरपाल सिंह राणा के अनुसार जो कैमरा बाजार में अमूमन 40 हज़ार के आस पास की कीमत पर मिल जाता है दिल्ली पुलिस ने वह कमरा 6 लाख 86 हज़ार में खरीदा —दिल्ली पुलिस ने कुल 3309 कैमरे ख़रीदे — बाजार के हिसाब से इन कैमरों की कीमत करीब 15 से 16 करोड़ की है –लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसके लिए 227 करोड़ रुपये खर्च कर दिए — हरपाल राणा ने आरटीआई के जरिये जानकारी के आधार पर प्रधान मंत्री कार्यालय को इसकी शिकायत की —प्रधान मंत्री कार्यालय ने इस पर दिल्ली पुलिस से जबाब मांगा — दिल्ली पुलिस ने प्रधान मंत्री कार्यालय को जबाब दिया –” राणा पागल है , बेटे की अचानक हुयी मौत के बाद उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है –” दिल्ली पुलिस के इस झूठ के खिलाफ हरपाल राणा ने केंद्र सरकार के प्रशानिक सुधार और लोक शिकायत विभाग में शिकायत की है –हरपाल राणा हैरान है की प्रधान मंत्री कार्यालय ने भी दिल्ली पुलिस के इस जबाब को सही मान कर 30 जून 2016 को मामला बंद कर दिया –इस जबाब की जांच को भी जरूरी नहीं समझा —
हरपाल राणा को आरटीआई से पता चला की दिल्ली पुलिस ने 2010 से अप्रैल 2017 तक 67 जगहों पर 3309 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे –बाजार में अव्वल से अव्वल कैमरे की कीमत 40 से 45 हज़ार रुपये है जबकि दिल्ली पुलिस ने यह कैमरे 6 लाख 86 हज़ार रुपये की दर से खरीदा —दिल्ली पुलिस के पिछले पुलिस आयुक्त अलोक कुमार के कार्यकाल में हुई इसी करप्शन पर पर्दा डालने के लिए राणा को पागल करार देते हुए उनके ज़िंदा बेटे को मरा हुआ बता दिया –अब इसकी शिकायत केंद्र सरकार से की है —