नई दिल्ली,अनेक राज्यों के राजकीय अतिथी क्रांतिकारी जैन संत आचार्य श्री संजय मुनि महाराज के सानिध्य में आज यहाँ विवेक विहार में भव्य शौभा यात्रा निकाली गई.बेटी बचाओ – बेटी पढाओ,भ्रूण हत्या एवं दहेज के खिलाफ निकाली गई इस यात्रा के पश्चात आचार्य श्री ने कहा कि बेटी हमारा गुरूर है वह हमारे जीवन का गहना है इस अवसर पर खोखरा,आसाम के सांसद श्री नवा कुमार सरमिया इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थे
आचार्य श्री ने इस अवसर पर कहा कि बेटी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है एक बार बेटा साथ छोड़ सकता है लेकिन बेटी जीवन भर साथ निभाती है. उन्होंने कहा कि आज मै आए दिन बार अखबारों में पढ़ता रहता हूँ कि माँ- बाप ने बेटे के नाम सम्पति कर दी और उसने उन्हें घर से निकाल दिया लेकिन बेटी के बारे में कभी भी ऐसा सुनने में नहीं आया.
आचार्य श्री ने कहा कि यदि हम बेटियों को इस तरह से गर्भ में ही मारते रहेंगे तो एक दिन ऐसा आएगा जब हम अपने बेटों लिये बहू ढूंढते रह जाएंगे .उन्होंने कहा कि बडी़ अजीब सी बात है कि हम सब बहू तो लाना चाहते हैं लेकिन बेटी नहीं चाहते बडे़ शर्म के साथ कहना पड़ रहा है कि अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करने वाला जैन समाज में भी भ्रूण हत्या की जाती है
आचार्य श्री ने बताया कि बेटी बचाओ – बेटी पढा़ओ के अभियान को लेकर एवं भ्रूण हत्या एवं दहेज के खिलाफ उनकी यह शान्ति सद्भाव एवं अहिंसा यात्रा दो वर्षों से देश के विभिन्न हिस्सों में चल रही है आज दिल्ली में उसका पहला पडा़व है. जिसका मूल उद्देश्य बेटियों को उनका अधिकार दिलवाना और लोगों को प्रेरणा देना कि बेटियों को गर्भ में ही न मारें यदि हम बेटियों को नहीं बचाएंगे तो एक दिन इस धरती पर जीवन ही नहीं बचेगा क्यों कि एक दिन बेटी ही माँ का रूप धारण करती है जब माँ ही नहीं होगी तो बेटे भी कहाँ से पैदा होंगे.
दहेज के खिलाफ बोलते हुए आतार्य श्री संजय मुनि ने कहा कि जब हम अपनी बहन और बेटी की शादी करते हैं तो मन में एक ही भावना रहती है कि हमारे जिगर का टुकडा़ ससुराल में सुखी और खुशी रहे लेकिन जैसे ही हम बहू घर लाते हैं तो हमारी धारणा क्यों बदल जाती है हम यह क्यों भूल जाते हैं कि बहू भी किसी के जिगर का टुकडा़ है .जिस दिन हम बहू को भी अपनी बेटी समझने लग जाएंगे उस दिन हमारी जिंदगी की सारी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी. इस अवसर पर उन्होंने महामांगलिक सुनाई
इस अवसर पर खोखरा आसाम के सांसद नवा कुमार शरमिया ने कहा कि जिस दिन हम बेटियों का महत्व समझ जाएंगे उस दिन हमारे जीवन में सारी समस्याओं का अंत हो जाएगा.
इससे पूर्व सुबह बेटी बचाओ – बेटी पढाओ भ्रूण हत्या एवं दहेज विरोध की थीम को लेकर भव्य शौभा यात्रा निकाली गई यात्रा में अनेक झांकिया थीम को लेकर संदेश दे रही थीं .जिसमें लघू नाटिका, वैनर आदि के माध्यम से शौभा यात्रा के मूल उद्देश्य को लेकर संदेश दिये जा रहे थे. अनेक बैण्ड बाजों, भगवान के रथ के साथ विवेक विहार से प्रारम्भ होकर शौभा यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई विश्वास नगर पहूँची वहाँ पर अनेक वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किये. इस अवसर पर पर्युषण पर्व के दौरान तपस्या करने वालों को सम्मानित किया गया.
उल्लेखनिय है कि दिल्ली चातुर्मास के दौरान आचार्य श्री संजय मुनि ने अनेक जनपयोगी काम किये जिसमें मघ्य रात्री को फुटपाथ पर सोए लोगों को कपडे़ आदि अन्य जरूरत का सामान बांटना,अनेक समस्याओं से ग्रस्त व्यक्तियों से चर्चा करके उन्हें समाधान देना एवं रोग निवारण,गोद भराई व विघ्या प्राप्ति शिविर आदि प्रमुख हैं.